मंगलवार, 14 जून 2011

गंगापुत्र संत निगमानंद को श्रद्धांजलि!



        “ यूं तो जिन्दगी जिन्दगी से हार गयी 
लेकिन मौत मौत से बाजी मार गयी।” [ ~ शायर का नाम नहीं याद आ रहा L

काश हम लोकतंत्र के बिके हुये कई खम्भों की तरह इस चौथे खम्भे  को झेलने के लिये अभिशप्त से न होते, किसी का त्याग देखने के पहले नेम-प्लेट देखने के आदी न होते; तो कुछ जिन्दगियों का तिल तिल मरना बूझ पाते, हम भी जूझ पाते!! गंगापुत्र संत निगमानंद को श्रद्धांजलि!! 

16 टिप्‍पणियां:

  1. भगीरथ स्वामी निगमानंद जी को हार्दिक श्रद्धांजली !

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  2. .स्वामी निगमानन्द सही मायनों में मुद्दों के लिये लड़ने वाले सँत थे... उन्होंनें आमरण का व्रत पूरा किया । काश कि उन्हें बाज़ारवाद के क, ख, ग का पता होता और वह भली प्रकार अपने अनशन की अँट-शँट मार्केटिंग कर पाते । उनको सच्ची श्रद्धाँजलि यही होगी कि यदि हम उनके मुद्दे के समर्थन में सक्रिय तौर पर कुछ न कर सकें तो कम से कम अपने स्तर पर गँगा को प्रदूषित करने वाले हर क्रिया-कलाप का बहिष्कार करें, और अपने साथियों को भी प्रेरित करें ।

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  3. श्रद्धांजलि
    yug purush asae hi hotey haen

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  4. शब्दशः सहमति आपसे...

    अति दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसे संत का ऐसा अवसान...

    हार्दिक श्रद्धांजलि....

    डाक्टर साहब ने सही कहा...

    यदि हम अपनी और से इस पुनीत अभियान का परोक्ष अपरोक्ष किसी भी भांति हिस्सा बन सके तभी माँ गंगे के प्रति और इस महान संत के प्रति हमारी श्रद्धा का कोई मूल्य होगा...

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  5. श्रद्धांजलि!
    जीवन बहुमूल्य है, उसके असमय नष्ट होने से समाज और सत्य का कोई लाभ होने वाला नहीं है। ऐसे बेहतर विकल्प ढूंढे जाने चाहिये जिनसे बहरे कानों पर जूँ तो रेंगे पर अच्छे लोगों की अकालमृत्यु न हो।

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  6. दुर्भाग्य है देश का, एक सन्यासी का सत्याग्रह करते हुए प्राण त्याग देना और सत्ता का बेरुखापन्।
    क्या यही जनता की जनता के लिए जनता के द्वारा सरकार है।

    विनम्र श्रद्धांजली

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  7. अमरेन्द्र..... सच यही है कि नेम-प्लेट देख कर यहाँ शहादत कि डिग्री भी तय कि जाती है.......क्या कहें !!!!!! आपकी पोस्ट के मार्फ़त गंगापुत्र संत निगमानंद को हमारी भी विनम्र श्रद्धांजलि!!

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  8. कल 22/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है-
    आपके विचारों का स्वागत है .
    धन्यवाद
    नयी-पुरानी हलचल

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  9. हमारी तरफ़ से निगमानंद जी को विनम्र श्रद्धांजलि।

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  10. इनके बारे में लिख कर आपने एक अच्चा काम किया है...the unsung hero.

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  11. इस महात्मा को मूक श्रद्धांजलि... !

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  12. सही काम के लिए ईमानदारी से लडी गई लड़ाई का नतीजा क्या यही होना चाहिए।
    उत्तराखंड सरकार की जितनी भी निंदा हो वह कम है।

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  13. सही काम के लिए ईमानदारी से लडी गई लड़ाई का नतीजा क्या यही होना चाहिए।
    उत्तराखंड सरकार की जितनी भी निंदा हो वह कम है।

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  14. निगमानन्द के लिये दुख है.
    फिलहाल यहां कविता पढ़ने आया था , दिनों बाद , लेकिन नहीं मिली ...जा रहा हूं . टाटा .

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