मिर्ज़ा ग़ालिब के निम्नलिखित दो शेर दीवाने-ग़ालिब की पहली ग़ज़ल के आरंभिक दो शेर हैं. इनका अर्थ मुझसे शब्दार्थ देखकर नहीं बन पाता था, लेकिन उग्र जी की टीका से इन्हें समझना आसान हुआ. इन दोनों ही शेर को समझने के लिए फ़ारसी सन्दर्भों तक जाना पड़ता है. उग्र जी ने उन सन्दर्भों से टीका के दौरान अवगत कराया है, दोनों शेर का मतलब उन्हीं के शब्दों में हू-ब-हू प्रस्तुत है(संभव हो कुछ मित्रों को भी आसानी हो):
नक़्शे-फ़रियादी है किसकी शोख़ि-ए-तहरीर का,
काग़जी है पैरहन हर पैकरे-तस्वीर का.
मतलब: '' सृष्टि की प्रत्येक रूप-रेखा में किसने अपनी अद्भुत-लिखावट से वह बाँकपन भर दी है जिससे व्यग्र हर चित्र काग़जी-चोले में फ़रियादी बना हुआ है? (पुराने ज़माने में, ईरान में, फ़रियादी शाह के सामने काग़ज का पहरन पहनकर जाने थे; जिस पर फ़रियाद लिखी हुई होती थी. काग़जी-पैरहन से मतलब श्रृष्टि के क्षणभंगुर-विन्यास से है. काग़ज पर सुरक्षित चित्र जैसे सहज नाशवान होता है, वैसे ही, यहाँ जो भी है, क्षणभंगुर है. सो, हरेक की मूर्ती क्या है, अपनी-अपनी क्षणभंगुरता की फ़रियाद है -- विश्व-नियंता के दरबार में.) ''
कावे-कावे सख़्त-जानीहा-ए-तनहाई न पूछ,
सुब्ह करना शाम का लाना है जू-ए-शीर का.
मतलब: '' वियोग और विवशता से पथराए-प्राण जो प्रचंड पीड़ा पा रहे हैं उसकी कथा कुरेद-कुरेदकर मत पूछ. उनका अंत कहीं नजर ही नहीं आ रहा है. वियोग की रात्रि का प्रभात करना वैसा ही कठिन काम हो रहा है जैसा फ़रहाद के लिए दूध की नहर तैयार करना था. ऐसे कठिन काम कदाचित सिद्ध भी हो जाएँ, तो साधक के प्राण लेकर ही सिद्ध होते हैं! 'कोहकन की मौत थी अंजाम जू-ए-शीर का.' (फ़ारस के विख्यात प्रेमी फ़रहाद की कथा थोड़े में यह है कि वह शाह ख़ुसरो की पुत्री शीरीं पर मोहित हो गया था. शाह ने फ़रहाद को वचन दिया था कि यदि वह पहाड़ काटकर दूध की नहर ला सके, तो निस्संदेह वह अपनी पुत्री का विवाह उससे कर देगा. लेकिन जब फ़रहाद ने अथक-श्रम के साथ दूध की नहर प्रायः तैयार कर ली तब किसी बुढ़िया से शीरीं के मरण का संवाद पठाकर ख़ुसरो ने छल से फ़रहाद को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया. मिर्ज़ा ग़ालिब का यह शेर इसी कथा की खुशबू से भरा है.) ''
बहुत बढ़िया अमरेंद्र जी !!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया इस को साझा करने के लिये!!
ye galib ke mushkil sheron men se hain. umda.
जवाब देंहटाएंजब शब्दों से इतिहास जुड़ जाता है, वे बहुत भारी हो जाते हैं।
जवाब देंहटाएं".....उन्हीं की वाणी में "आडियो कहाँ है ? ओह आपका मतलब लफ्जों से है शायद !
जवाब देंहटाएंवैसे चलता है 'वाणी' भी, लेकिन सही कर दिया है. शुक्रिया!
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